Monday, February 18, 2013

अतिथि हटाओ, पात्र लगाओ के नारों से गूंजा रोहतक


अतिथि हटाओ, पात्र लगाओ के नारों से गूंजा रोहतक  
न्याय महारैली में दहाड़े पात्र अध्यापक
5 मार्च तक अल्टीमेटम, 6 मार्च को होगा आमरण अनशन
प्रदेशाध्यक्ष सहित सैंकड़ो पात्र अध्यापक गिरफ्तार
रोहतक, 17 फरवरी।
रोहतक के राजीव गांधी खेल परिसर के सामने सेक्टर -6 में पात्र अध्यापक संघ हरियाणा द्वारा प्रदेश स्तरीय न्याय महारैली आयोजित की गई। रैली के मंच से पात्र अध्यापकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर दहाड़ लगाई। इसके बाद सभी पात्र अध्यापक रैली स्थल से उपायुक्त कार्यालय की तरफ  जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए गोहाना बाईपास पर पहुंचे तो पुलिस ने बेरिकेटस लगाकर उन्हे रोक लिया। इसके बाद संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने पुलिस व प्रशासन से बेरिकेट्स खोलने की गुजारिश की। जब पुलिस ने बेरिकेट्स ने नहीं खोले तो पात्र अध्यापकों ने बेरिकेट्स हटाकर आगे बढऩे की कौशिश की। इस दौरान पात्र अध्यापकों की पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ झड़पें भी हुई। बाद में सैंकड़ो पात्र अध्यापकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले  न्याय महारैली में  संघ के वक्ताओ ने अपनी जमकर भड़ास निकाली। रैली में उपस्थित पात्र अध्यापकों को संबोधित करते हुए राजेन्द्र शर्मा ने प्रदेश सरकार से मास्टर वर्ग के खाली पड़े 15 हजार पदों का विज्ञापन जल्द जारी करने, पीजीटी भर्ती में शार्ट लिस्टिंग से बाहर हुए हिन्दी, कॉमर्स इतिहास व राजनीतिक शास्त्र के उम्मीदवारों के साक्षात्कार लेने तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार निर्धारित 322 दिनों में भर्ती प्रक्रिया पूरी कर अतिथियों अध्यापकों को तुरन्त प्रभाव से हटाने की मांग की।
 पात्र अध्यापकों के साथ हुआ अन्याय
संघ के महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कहा कि हरियाणा सरकार एक तरफ तो राईट टू एजुकेशन एक्ट लागू होने का दम भर रही है वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में 35 हजार अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं। उन्होने बताया कि पीजीटी भर्ती में हिन्दी, कॉमर्स, राजनीति विज्ञाव व इतिहास विषयों के लिए शॉर्ट लिस्टिंग की प्रक्रिया अपनाकर पात्र अध्यापकों केसा थ अन्याय किया है। उन्होने कहा कि 4 वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों को शामिल करने से हजारों पात्र अध्यापक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। इसे पात्र अध्यापक संघ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
 5 मार्च 2013 तक का दिया  अल्टीमेटम
 इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम अहलावत ने हरियाणा सरकार को 5 मार्च 2013 तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि सरकार ने इस समय तक पात्र अध्यापक संघ की मांगो को पूरा नहीं किया तो 6 मार्च से पंचकूला में शिक्षा सदन के सामने आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा।  वहीं एक अप्रेल से पूरे प्रदेश में जन जागरण अभियान भी चलाया जाएगा। इस मौके पर संघ के महासचिव सुनील यादव, संगठन सचिव अनिल अहलावत, प्रदेश प्रवक्ता जसबीर गुज्जर ने भी रैली को संबोधित किया। 
ये रहे उपस्थित
  इस अवसर पर सहित नानक चंद, बीजेन्द्र गुज्जर, पवन रोड़, कृष्ण कश्यप, सरदार हरविन्द्र, संदीप चौधरी, मानसिंह, चरण सिंह, रविन्द्र शर्मा, यशपाल मलिक, नरेन्द्र दहिया, अनिल निमोठ, सुदीप राठी, नेरश शर्मा, पूनम हुड्डा, आशा दहिया, सुदेश, सुषमा शर्मा, तुलसी रानी के अलावा सभी जिलों के प्रधान के अलावा हजारों की संख्या में पात्र अध्यापक उपस्थित थे।

रैली स्थल पर पात्र अध्यापकों को गिरफ्तार करती पुलिस।

Sunday, February 10, 2013

अफजल गुरु को फांसी, तिहाड़ में दफनाया गया



अफजल गुरु को फांसी, तिहाड़ में दफनाया गया

नई दिल्ली।भारतीय संसद परहमले के  दोषी अफजल गुरु को फांसी पर लटका दिया गया है। उसे शनिवार 8 बजे फांसी पर लटकाया गया।  फांसी देने के बाद सुबह करीब 9 बजे उसे तिहाड़ जेल के अंदर ही इस्लामिक रीति-रिवाज के साथ दफना दिया गया है। अफजल को फांसी दिए जाने की सूचना शुक्रवार की शाम 5 बजे ही दे दी गई थी। अंतिम इच्छा के रूप में उसने कुरान की प्रति मांगी थी। अफजल को फांसी पर लटकाने के तुरंत बाद ही कश्मीर घाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया। पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली और मुंबई में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने इस ख़बर की पुष्टि करते हुए कहा, "उसे फॉंसी दे दी गई है."

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मीडिया को कहा, "तीन फरवरी को राष्ट्रपति महोदय की दया याचिका खारिज करने संबंधी फ़ाइल मिली. चार फरवरी को मैंने इस फ़ाइल पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद की कार्यवाही के तहत नौ फरवरी को सुबह आठ बजे अफ़ज़ल गुरु को फॉंसी दिया जाना तय किया गया."
पहले से तय योजना के तहत सुबह आठ बजे अफ़ज़ल गुरू को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फॉंसी पर लटकाया गया.आरके सिंह ने बताया कि ये कानूनी प्रक्रिया का अंतिम चरण था, जिसका पालन किया गया है.
जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में एहतिहात को तौर पर कर्फ्यू लगा दिया गया है. बताया जा रहा है कि इस मामले के बारे में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला को जानकारी पहले से थी.
पिछले साल 16 नवंबर 2012 को राष्ट्रपति ने अफ़ज़ल गुरु की दया याचिका को गृह मंत्रालय के वापस लौटा दिया था.
23 जनवरी को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को इस मामले में अपनी अनुशंसा भेजी.
आरके सिंह ने बताया कि तीन फरवरी को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उनकी दया याचिका को ख़ारिज़ कर दिया.
इसके बाद कैबिनेट समिति की बैठक में अफ़ज़ल गुरु को फॉंसी पर मुहर लगाई गई.
केंद्र सरकार के इस कदम को राजनीतिक तौर पर बेहद चतुराई भरा बताया जा रहा है. ससंद के बजट सत्र से ठीक पहले सरकार ने अफ़ज़ल गुरु को फॉंसी की सजा देकर विपक्ष के आरोपों की हवा निकाल दी है.

सरकार पर बढ रहा  दबाव
पिछले साल मुंबई में आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब को फॉंसी दिए जाने के बाद सरकार पर अफ़ज़ल को फॉंसी दिए जाने के लिए दबाव बढ़ रहा था.
भारत की संसद पर हुए आतंकी हमले में पांच चरमपंथी शामिल थे. इस हमले में नौ लोगों की मौत हुई थी, इनमें सात संसद की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी शामिल थे जबकि पांचों चरमपंथी जवाबी कार्यवाही में मारे गए.;अफ़ज़ल गुरु पर इन चरमपंथियों को मदद मुहैया कराने का आरोप सही पाया गया थाअफ़ज़ल गुरु जैश-ए-मोहम्मद का चरमपंथी था. उसे भारत की सुप्रीम कोर्ट ने 2004 में फॉंसी की सजा सुनाई थी.
उसे 20 अक्टूबर 2006 में फॉंसी की सजा दी जानी थी लेकिन उसकी पत्नी ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की, जिसके चलते अफ़ज़ल गुरु की फॉंसी टलती रही.
 कब क्या हुआ जाने 
13 दिसंबर, 2001 - पांच चरमपंथियों ने संसद पर हमला किया. हमले में पांच चरमपंथियों के अलावा सात पुलिसकर्मी सहित नौ लोगों की मौत हुई.
15 दिसंबर, 2001 – दिल्ली पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के चरमपंथी अफ़ज़ल गुरु को गिरफ़्तार किया. उनके साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसएआर गिलानी को भी गिरफ़्तार किया गया. इन दोनों के अलावा अफ़शान गुरु और शौकत हसन गुरु को गिरफ़्तार किया गया.
29 दिसंबर, 2001- अफ़ज़ल गुरु को दस दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजा गया.
4 जून, 2002-अफ़ज़ल गुरु, एएसआर गिलानी, अफ़शान गुरु और शौकत हसन गुरु के ख़िलाफ़ मामले तय किए गए.
18 दिसंबर, 2002- अफ़ज़ल गुरु, एएसआर गिलानी औऱ शौकत हसन गुरु को फॉंसी की सजा दी गई. अफ़शान गुरु को रिहा किया गया.
30 अगस्त, 2003-जैश-ए- मोहम्मद के चरमपंथी गाजी बाबा, जो संसद पर हमले का मुख्य अभियुक्त को सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने दस घंटे तक चले इनकाउंटर में श्रीनगर में मार गिराया.
29 अक्टूबर, 2003- मामले में एएसआर गिलानी बरी किए गए.
4 अगस्त, 2005- सुप्रीम कोर्ट ने अफ़ज़ल गुरु की फॉंसी की सजा बरकरार रखा. शौकत हसन गुरु की फॉंसी की सजा को 10 साल कड़ी कैद की सज़ा में तब्दील किया गया.
26 सितंबर, 2006- दिल्ली हाईकोर्ट ने अफ़ज़ल गुरु को फॉंसी देने का आदेश दिया.
3 अक्टूबर, 2006-अफ़ज़ल गुरु की पत्नी तबस्सुम गुरु ने राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के सामने दया याचिक दायर की.
12 जनवरी, 2007-सुप्रीम कोर्ट ने अफ़ज़ल गुरु की दया याचिका को खारिज़ किया.
16 नवंबर, 2012- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफ़ज़ल गुरु की दया याचिका गृह मंत्रालय को लौटाई.
30 दिसंबर, 2012-शौकत हसन गुरु को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया.
10 दिसंबर, 2012- केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि अफ़ज़ल गुरु के मामले की पड़ताल करेंगे.
13 दिसंबर, 2012- भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान अफ़ज़ल गुरु को फॉंसी दिए जाने का मुद्दा उठाया.
23 जनवरी, 2013- राष्ट्रपति ने अफ़ज़ल गुरु की दया याचिका खारिज की गई.
03 फरवरी, 2013- गृह मंत्रालय को राष्ट्रपति द्वारा खारिज याचिका मिली.
09 फरवरी, 2013- अफ़ज़ल गुरु को नई दिल्ली को तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फॉंसी पर लटकाया गया.
 इन्हे कब होगी फांसी


 अब इन्हे कब होगी फांसी ;ऐसे 15 अपराधी हैं जिन्हें फाँसी की सज़ा सुनाई जा चुकी है.परन्तु 
दया की उम्मीद है.लगी   हैं
सोनिया और संजीव
संपत्ति के लिए अपने ही परिवार के आठ लोगों को मौत के घाट उतारने के दोषी इन दोनों की फांसी पर साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगाई थी. इसी साल उनकी दया याचिका को गृह मंत्रालय ने खारिज कर दिया था.
गुरमीत सिंह
अपने परिवार के 13 लोगों के कत्ल के दोषी गुरमीत सिंह को साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फासी की सज़ा दी थी. साल 2009 में गृह मंत्रालय ने उनकी दया याचिका को खारिज किया था. अब उन्होंने राष्ट्रपति से दया की अपील की है.

धर्मपाल

राष्ट्रपति के पास इस समय जो दया याचिका के मामले हैं उनमें धर्मपाल का मामला सबसे पुराना है.
इन्होंने एक ही परिवार के पांच लोगों का उस समय कत्ल किया था जब वे बलात्कार के एक अन्य मामले में जमानत पर जेल से बाहर थे.

साइमन, गणप्रकाश, मदैया और बिलावांद्रा

इन चार लोगों को बारूदी सुरंग का विस्फोट करके कर्नाटक के 22 पुलिस कर्मियों को मारने का दोषी पाया गया था.
साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फांसी की सज़ा सुनाई थी. लेकिन केद्रीय गृह मंत्रालय ने इनकी दया याचिका को पिछले ही साल मई के महीने में खारिज करने की सिफारिश के साथ राष्ट्रपति को भेजा था.

सुरेश और रामजी

संपत्ति के मामले में अपने पांच रिश्तेदारों को कत्ल करने के लिए यह दोनों साल 2001 में दोषी पाए गए थे. पिछले साल फरवरी में गृह मंत्रालय ने इनकी दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी थी.

प्रवीण कुमार

एक परिवार के चार लोगों के कत्ल के दोषी प्रवीण को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2003 में दोषी पाया था. पिछले साल गृह मंत्रालय ने इनकी दया याचिका खारिज कर राष्ट्रपति को भेजी थी.

सईबन्ना निंगप्पा नाटिकर

इन्होंने अपनी पत्नी और बेटी का कत्ल किया था और साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें दोषी पाया था. पिछले साल सितंबर से इनकी अर्ज़ी राष्टपति के पास है.

जफर अली

इन्होंने अपनी पत्नी के अलावा पांच बेटियों की हत्या की थी. साल 2004 में दोषी पाए गए अली की दया याचिका की फाइल राष्ट्रपति के पास नवंबर 2011 में पहुंची.

सुंदर सिंह

साल 2010 में अपने भाई के परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के दोषी पाए जाने वाले सुंदर की दया याचिका इस साल फरवरी में गृह मंत्रालय ने खारिज कर के राष्ट्रपति के पास भेजी.

अतबीर

इन्होंने अपने सौतेले भाई, मां और बहन का कत्ल किया था और पिछले लगभग पांच महीने से ही इनकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास पहुंची है.

ठुकराई गई याचिकाएँ

इसके अलावा पाँच लोगों की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है.इनमें दविंदर पाल सिंह भुल्लर सबसे प्रमुख हैं, जिन्हें 1993 में एक कार बम विस्फोट में नौ लोगों को मारने और कई लोगों को घायल करने का दोषी पाया गया था. भुल्लर खालिस्तानी चरमपंथी संगठन से जुड़े थे.सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में भुल्लर को फाँसी की सजा पर मुहर लगाई थी और पिछले साल राष्ट्रपति ने इनकी क्षमा याचिका को ठुकरा दिया था.;टी. सुथेतिराजा उर्फ़ सांतन, श्रीहरण उर्फ़ मुरुगन और जी पेरारिवलन उर्फ अरिवू की क्षमा याचना भी राष्ट्रपति ने ठुकरा दी है. उन्हें राजीव गाँधी की हत्या के लिए दोषी पाया गया था.;महेंद्र नाथ दास उर्फ गोविंद दास की क्षमा याचना 2011 में खारिज कर दी गई थी. उन्होंने असम में गुहाटी के फैंसी बाज़ार में हरकांत दास का सिर काट डाला था और कटे सिर को लेकर ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था.

Monday, February 4, 2013

रानी लक्ष्मी बाई

रानी लक्ष्मी बाई
संत कबीर
चंद्रशेखर आजाद
शिवाजी
रविदास
महाराणा प्रताप
शेख फरीद
बुल्ले शाह
ईशा मसीह
खुदीराम बोस
करतार सिंह सराभा
धन्ना भगत
मीरा
भीलनी 
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