Wednesday, October 22, 2014

सभी देशवासिओं को दीपों के उत्सव दीपावली की हार्दिक सुभकामनाएँ ।


 सभी देशवासिओं को दीपों के उत्सव दीपावली की हार्दिक सुभकामनाएँ ।यह त्योहार आपके जीवन में खुशियां लेकर आये। दीपावली सिर्फ घरों को जगमगाने वाला पर्व नहीं है बल्कि यह मानव हृदय को आलोकित करने वाला पर्व भी है। हमारी परम्परा एक तरफ दीपावली के दिन घरों को साफ-सुथरा कर सुख-समृद्धि का आह्वान करती है , वहीं रात के अंधियारे में आशाओं के दीप जगमगाते हैं तो निराशा के काले घने बादल स्वमेव छँटते जाते हैं। दीपावली जहाँ मन से विकार, कटुता, निराशा, अवसाद और अन्य नकारात्मक प्रवृत्तियों को बाहर निकालती है, वहीँ दीये की रोशनी तमाम कीट-पतंगों और गन्दगी को ख़त्म करती है। दीपावली एक सामाजिक त्यौहार है ।
संदीप सिंहमार ,जिला प्रधान 
हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट हिसार ।

Friday, August 29, 2014

भाजपा ओवर कॉन्फीडेंस तो कुलदीप ने नहीं छोड़ा सीएम पद का मोह



भाजपा ओवर कॉन्फीडेंस तो कुलदीप ने नहीं छोड़ा सीएम पद का मोह


हिसार। संदीप सिंहमार
पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के निधन के बाद वर्ष 2011 में हिसार लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव से पहले हुआ हरियाणा जनहित कांगेस व भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन दोनों दलों की गलतफहमियां, भाजपा का ओवर कान्फीडेंस तो कुलदीप बिश्रोई का सीएम पद का मोह गठबंधन टूटने का कारण बना। इन सब के अलावा गठबंधन टूटने का कारण चाहे कोई ओर भी रहा हो दोनों दलों को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों में नुकसान जरूर झेलना पड़ेगा। विरोधी दल हजकां भाजपा गठबंधन के तलाक का फायदा जरूर उठाना चाहेंगे। यह कहें कि अब हरियाणा की राजनीति के समीकरण नए सिरे से बनेेंगे तो इसमें भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों के अलावा आम जनता की भी नजर इस गठबंधन के भविष्य पर टिकी हुई थी। लबें समय से उहा पोह की स्थिती झेल रहे दोनों ही पार्टियों के नेताओं के सामने वीरवार को हजकां सुप्रीमों कुलदीप बिश्रोई की गठबंधन तोडऩे की घोषणा के बाद तस्वीर सपष्ट हो गई। अब इसे भाजपा का ओवर कॉन्फीडेंस कहे या कुलदीप बिश्रोई का सीएम पद का मोह। राजनीतिक विश्लेषक ये ही दो कारण मान रहे है। गठबंधन को लेकर लोकसभा चुनावों से पहले ही कयास लगने शुरू हो गए थे और लोगों का मानना था कि अगर कुलदीप बिश्रोई अपनी हिसार लोकसभा सीट नहीं जीत पाए तो भाजपा कुलदीप बिश्रोई को सीएम मानने से इनकार कर देगी और गठबंधन में दरार पड़ जाएगी। जैसे लोगों ने कयास लगाए हुआ भी ठीक वैसा ही।
कुलदीप के हारते ही बदल गए थे सूर
लोकसभा चुनाव के दौरान हिसार लोकसभा सीट से कुलदीप बिश्रोई चुनाव हार गए। साथ ही हजकां के हिस्से की दूसरी सिरसा लोकसभा सीट से भी हजकां प्रत्याशी चुनाव हार गए थे। चुनाव के नतीजे आते ही गठबंधन में दरार पडऩी शुरू हो गई।। एक लंबे समय की खींचतान के बाद वीरवार को हजकां सुप्रीमों कुलदीप बिश्रोई ने गठबंधन समाप्त करने की घोषणा कर दी। कुलदीप बिश्रोई ने अपने स्तर पर गठबंधन को बचाने के लिए भरपूर प्रयास किए यहां तक कि उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मुलाकात की लेकिन लंबे समय से गठबंधन को बचाने की कोशिश बेकार गई। प्रदेश में भाजपा के नेता लोकसभा चुनाव के बाद से ही हजकां से गठबंधन तोडऩे के पक्षधर रहे है लेकिन प्रदेश में भाजपा के जनाधार और पिछले चुनावों के नतीजों को देखकर पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व किसी भी प्रकार का कदम उठाने से पहले सौ बार सोच रहा था। वैसे तो भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक के इतिहास में कोई विशेष सफलता नहीं मिल सकी है। लेकिन केंद्र में पूर्ण बहुमत मिलने से उत्साहित भाजपा अब पीए मोदी के नाम पर सत्ता में आने का ख्वाब देख रही है। गठबंधन टूटने के बाद अब मुकाबला और भी दिलचस्प होगा।

Sunday, April 6, 2014

एसएससी ने संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा स्थगित की


नई दिल्ली।
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए इस साल की संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा 2014 स्थगित कर दी है। यह परीक्षा 27 अप्रैल और 4 मई को होनी थी। एसएससी ने कहा कि परीक्षा की नई तारीख के बारे में बाद में सूचना दी जाएगी।
इसने एक नोटिस में कहा कि अप्रैल और मई 2014 में सरकार द्वारा घोषित आम चुनावों के मद्देनजर सभी आवदेकों को एतद द्वारा सूचित किया जाता है कि संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा 2014 को स्थगित रखा जाता है। सोमवार से शुरू हो रहे लोकसभा चुनाव की मतगणना 16 मई को होगी।आयोग चुनावों के बाद संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा 2013 को 7 केंद्रों- लखनऊ, पटना, इलाहाबाद, दिल्ली, जयपुर, शिमला और देहरादून में दोबारा आयोजित करेगा। ऐसी खबरें थीं कि इन केंद्रों पर अभ्यर्थियों ने कदाचार किया था।एसएससी ने संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा 2013 को 2 चरणों 21 अप्रैल और 19 मई 2013 को टियर-1 तथा 29 सितंबर 2013 को टियर-2 में आयोजित किया था।आयोग ने कहा कि इन 7 केंद्रों को छोड़कर अन्य केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा नहीं देनी होगी। (भाषा)

विधायकों का राजनीतिक भविष्य तय करेगा हिसार लोकसभा चुनाव



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