चार वर्ष का अनुभव मान्य करने का मामला
-पात्र अध्यापक हाईकोर्ट के फैंसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
आज रोहतक में बुलाई बैठक
हिसार 22 दिसम्बर।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 4 वर्ष का अनुभव मान्य किए जाने के पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले से आहत प्रदेश के पात्र अध्यापक संघ ने रविवार 23 दिसम्बर को 11 बजे रोहतक की छोटूराम धर्मशाला में बैठक बुलाई है। यह जानकारी देते हुए पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश के हजारों पात्र अध्यापकों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। उन्होने बताया कि हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके सीकरी व आरके जैन की खंड पीठ के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में जोरदार चुनौती दी जाएगी। रविवार को होने वाली बैठक में प्रदेश भर से हजारों की संख्या में पात्र अध्यापक भाग लेंगे व इस बैठक में आगामी रणनीति के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि पीजीटी व पीआरटी भर्ती प्रक्रिया में हरियाणा स्कूल अध्यापक चयन बोर्ड व सरकार ने पात्रता परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के साथ चार वर्ष का अनुभव वाले शिक्षकों को भी भर्ती में मौका दिया था। सरकार के इस फैंसले को सैंकड़ों पात्र अध्यापकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। चार वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों की वजह से ही प्रदेश के हजारों पात्र अध्यापक शॉर्ट लिस्टिंग से प्रभावित होकर भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। हाईकोर्ट में याचिका डालने के बाद शॉर्ट लिस्टिंग से प्रभावित सैंकड़ों पात्र अध्यापकों के चीफ जस्टिस एके सीकरी की खंड पीठ ने अस्थाई तौर पर साक्षात्कार लेने के आदेश दिए थे।
अस्थाई साक्षात्कार भी हुए रद्द
शुक्रवार को आए फैंसले के बाद अस्थाई साक्षात्कार भी रद्द कर दिए गए हैं। राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि भर्ती बोर्ड ने पीजीटी भर्ती प्रक्रिया में हिन्दी, इतिहास, राजनीतिक विज्ञान व कॉमर्स विषय में शॉर्ट लिस्टिंग की थी। इन विषयों के लिए चार वर्ष के अनुभव वाले 7020 शिक्षकों ने आवेदन किया था। इन्ही के कारण इस भर्ती प्रक्रिया से हिन्दी, इतिहास, राजनीतिक विज्ञान व कॉमर्स विषय के 5478 पात्र अध्यापक बाहर हो गए। शर्मा ने कहा कि साफ तौर पर कहा जा सकता है कि चार वर्ष के अनुभव प्राप्त शिक्षकों ने पात्र अध्यापकों का गणित विगाड़ कर रख दिया है। उन्होने बताया कि इस भर्ती प्रक्रिया में एनसीटीई के नियमों को किनारे कर दिया गया है क्योंकि एनसीटीई ने 1 जून 2012 को हरियाणा सरकार को एक पत्र लिखकर भर्ती प्रक्रिया में चार वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों को छूट न देने की बात कही थी।
0 comments:
Post a Comment