उत्तराखंडः बारिश बनी विलेन, अभी भी फंसे हैं 22,000 लोग
देहरादून, एजेंसी
उत्तराखंड में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से मची तबाही में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए चल रहे राहत और बचाव कार्य में देहरादून में फिर से हो रही बारिश की वजह से दिक्कत आ रही है। बारिश के कारण यहां हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।उत्तराखंड में बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित केदारनाथ सहित तबाह हुए अन्य विभिन्न ऊपरी क्षेत्रों से 10 हजार से अधिक लोगों को निकाला गया है। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार वृहद पैमाने पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी राहत अभियान के तहत कुल मिलाकर 70 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा अभी 22 हजार और लोगों को निकाला जाना बाकी है।
पहाड़ों से आयी पानी की तेज धार ने अपने पीछे मौत और तबाही का मंजर छोड़ा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि मरने वालों संख्या एक हजार का आंकड़ा छू सकती है। उन्होंने कहा कि अंतिम मृतक संख्या तभी मिल सकेगी जब मलबा साफ होगा, जिसके नीचे कई शव दबे हो सकते हैं।
केदारनाथ मंदिर परिसर से 123 शव मिले
अधिकारियों ने कहा कि केदारनाथ मंदिर परिसर से 123 शव मिले हैं जिससे आधिकारिक मृतक संख्या बढ़कर 680 हो गई है। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि 83 शवों की पहचान कर ली गई है। आपदा क्षेत्र से लोगों को निकालने के लिए शांतिकाल में चलाये गए अब तक के सबसे बड़े अभियान को आगे बढ़ाते हुए कुल 61 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं जिसमें वायुसेना के 43 और सेना के 11 हेलीकॉप्टर शामिल हैं। विश्व के सबसे बड़े हेलीकॉप्टर रूस निर्मित एमआई-26 हेलीकाप्टरों को आज सेवा में लगाया गया। एमआई-26 हेलीकाप्टर में एक बार में डेढ़ सौ यात्री बैठ सकते हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि सेना और आईटीबीपी ने चार-चार हजार लोगों को बचाया है जबकि फंसे अन्य लोगों को निकालने के लिए वायुसेना को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां पूर्ण समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं। उन्होंने यह बात गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के उस बयान के कुछ घंटे बाद कही जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि समन्वय में कुछ कमी है।
पूर्व गृह सचिव एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य वीके दुग्गल को राहत एवं बचाव अभियान में लगी विभिन्न एजेंसियों के कार्य का समन्वय करने के लिए नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केदारनाथ मंदिर परिसर से 123 शव मिले हैं जहां बिखरे पड़े शवों की गिनती करने के लिए विशेषज्ञों का एक दल आज पहुंचा। अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि अगले कुछ दिनों में और शव निकल सकते हैं क्योंकि क्षेत्र में पड़ा मलबा हटाया जा रहा है।
सुरक्षा बलों ने केदरानाथ धाम जाने के रास्ते में पड़ने वाले रामबाड़ा और जंगलीचट्टी में फंसे 1000 और तीर्थयात्रियों को देखा। तिवारी ने कहा कि चिंता का एक मुद्दा यह है कि जंगलचट्टी में 400 से 500 लोग फंसे हैं। केदारनाथ में 70 से 80 लोग अभी भी हैं। हेमकुंड साहिब में अभी भी 100 लोग जबकि बद्रीनाथ में 800 लोग फंसे हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि सेना और आईटीबीपी ने चार-चार हजार लोगों को बचाया है जबकि फंसे अन्य लोगों को निकालने के लिए वायुसेना को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां पूर्ण समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं। उन्होंने यह बात गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के उस बयान के कुछ घंटे बाद कही जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि समन्वय में कुछ कमी है।
सुरक्षा बलों ने केदरानाथ धाम जाने के रास्ते में पड़ने वाले रामबाड़ा और जंगलीचट्टी में फंसे 1000 और तीर्थयात्रियों को देखा। तिवारी ने कहा कि चिंता का एक मुद्दा यह है कि जंगलचट्टी में 400 से 500 लोग फंसे हैं। केदारनाथ में 70 से 80 लोग अभी भी हैं। हेमकुंड साहिब में अभी भी 100 लोग जबकि बद्रीनाथ में 800 लोग फंसे हैं।
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