सरबजीत नहीं, सुरजीत की होगी रिहाई: पाकिस्तान
इस्लामाबाद, एजेंसी
पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की रिहाई की खबरें
आने के कुछ घंटे बाद पाकिस्तानी सरकार ने मंगलवार रात को स्पष्ट किया कि एक
अन्य भारतीय कैदी सुरजीत सिंह को रिहा किया जाएगा, न कि सरबजीत को। सुरजीत
तीन दशक से पाकिस्तान की जेल में कैद हैं। जियो न्यूज के मुताबिक राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर ने
कहा कि मुझे लगता है कि इस सम्बंध में कुछ भ्रम है। सबसे पहले तो यह कि यह
क्षमादान का मामला नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सरबजीत नहीं
है।
यह सुचा सिंह का बेटा सुरजीत सिंह है। वर्ष 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री
बेनजीर भुट्टो की सलाह पर राष्ट्रपति गुलाम इश्क खान ने उनकी मौत की सजा
कम कर उम्रकैद कर दी थी।
बाबर ने बताया कि कानून मंत्री फारुक नेक ने मंगलवार को गृह मंत्री को
बताया कि सुरजीत ने अपनी उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है और उसे रिहा कर भारत
भेज दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सजा पूरी होने के बाद सुरजीत को जेल में रखा जाना
गैरकानूनी होगा। वर्तमान में सुरजीत लाहौर की कोट लाखवत जेल में बंद हैं।
वह बीते 30 सालों से पाकिस्तान की कैद में हैं। उन्हें जिया-उल-हक के सैन्य
शासन काल के दौरान जासूसी के आरोप में भारतीय सीमा के नजदीक से पकड़ा गया
था।
इससे पहले मंगलवार दोपहर मीडिया में खबरें थीं कि राष्ट्रपति आसिफ अली
जरदारी ने सरबजीत की मौत की सजा कम करके उम्रकैद कर दी है और उन्होंने आदेश
दिया है कि यदि उसकी सजा पूरी हो गई हो तो उसे रिहा कर दिया जाए।
वहीं सरबजीत के परिवार का कहना है कि सरबजीत अगस्त 1990 में गलती से
पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे और उन्हें वहां गिरफ्तार कर लिया
गया।
दूसरी ओर पाकिस्तानी पुलिस का कहना है कि सरबजीत आतंकवादी घटनाओं में लिप्त
था। सरबजीत को पाकिस्तान में मंजीत सिंह नाम से जानते हैं।
सरबजीत को 1990 में लाहौर व मुल्तान में हुए चार बम विस्फोटों के मामले में
दोषी बताया गया है। इन विस्फोटों में कम से कम 14 लोग मारे गए थे।
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