सरबजीत सिंह की जगह भारत आ रहे हैं सुरजीत सिंह.
हालांकि पहले खबर आई थी सरबजीत सिंह की रिहाई की. लेकिन पाक सरकार ने बाद
में सुरजीत की रिहाई का एलान किया. सुरजीत सिंह भी भारत के वो सपुत हैं
जिन्हें पाक जेल में वर्षों यातना सहनी पड़ी.
पाक जेल में बंद एक और भारतीय सुरजीत सिंह की पत्नी हैं हरबंस कौर.
पंजाब के फिरोजपुर के एक गांव में सुरजीत के घरवाले तीस साल से टकटकी लगाए
बैठे हैं. पत्नी हरवंस कौर की आंखें तो इंतजार में मानो पथरा गईं.
हरबंस कौर का वर्षों का इंतजार अब खत्म ही होने वाला है. क्योंकि अब सरबजीत सिंह नहीं सुरजीत सिंह की रिहाई का पाक सरकार ने एलान किया है.
सरबजीत पर पाकिस्तान के यू टर्न के बाद यही सवाल उठ रहे हैं. पाक राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने साफ कहा है कि लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत सिंह की न तो रिहाई होनी है और न ही उनकी सजा कम की गई है. जिस शख्स की रिहाई होनी है, उनका नाम सुरजीत सिंह है.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने साफ किया कि सुरजीत सिंह ने उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है और उन्हें रिहा किया जाएगा.
सुरजीत सिंह को 1982 में भारत पाकिस्तान सीमा के करीब जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त पाकिस्तान की सत्ता पर जनरल जिया उल हक काबिज थे. सुरजीत पर मुकदमा चला और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई.
1989 में सुरजीत सिंह को उस वक्त की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सलाह पर राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने माफी दी थी. सितंबर 2004 में जेल में 25 साल बिता लेने के बाद भी सुरजीत सिंह को रिहा नहीं किया गया था.
मुकद्दर का खेल देखिए सुरजीत सिंह भी लाहौर के उसी कोट लखपत जेल में बंद था जहां बेकसूर सरबजीत सिंह बम धमाके के आरोप में फांसी की सजा पाने के बाद बंद है और दोनों ही पंजाब के बाशिंदे हैं.
सरबजीत की तरह सुरजीत ने भी बड़ी कुर्बानी दी है. अपनी जिंदगी के कीमती 30 साल पाक जेल में यातनाओं के बीच बिताया है. लिहाजा सुरजीत की रिहाई की अहमियत भी कम नहीं.
साभार -आज तक
हरबंस कौर का वर्षों का इंतजार अब खत्म ही होने वाला है. क्योंकि अब सरबजीत सिंह नहीं सुरजीत सिंह की रिहाई का पाक सरकार ने एलान किया है.
सरबजीत पर पाकिस्तान के यू टर्न के बाद यही सवाल उठ रहे हैं. पाक राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने साफ कहा है कि लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत सिंह की न तो रिहाई होनी है और न ही उनकी सजा कम की गई है. जिस शख्स की रिहाई होनी है, उनका नाम सुरजीत सिंह है.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने साफ किया कि सुरजीत सिंह ने उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है और उन्हें रिहा किया जाएगा.
सुरजीत सिंह को 1982 में भारत पाकिस्तान सीमा के करीब जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त पाकिस्तान की सत्ता पर जनरल जिया उल हक काबिज थे. सुरजीत पर मुकदमा चला और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई.
1989 में सुरजीत सिंह को उस वक्त की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सलाह पर राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने माफी दी थी. सितंबर 2004 में जेल में 25 साल बिता लेने के बाद भी सुरजीत सिंह को रिहा नहीं किया गया था.
मुकद्दर का खेल देखिए सुरजीत सिंह भी लाहौर के उसी कोट लखपत जेल में बंद था जहां बेकसूर सरबजीत सिंह बम धमाके के आरोप में फांसी की सजा पाने के बाद बंद है और दोनों ही पंजाब के बाशिंदे हैं.
सरबजीत की तरह सुरजीत ने भी बड़ी कुर्बानी दी है. अपनी जिंदगी के कीमती 30 साल पाक जेल में यातनाओं के बीच बिताया है. लिहाजा सुरजीत की रिहाई की अहमियत भी कम नहीं.
साभार -आज तक
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