Saturday, June 30, 2012
Wednesday, June 27, 2012
सरबजीत नहीं, सुरजीत की होगी रिहाई: पाकिस्तान
सरबजीत नहीं, सुरजीत की होगी रिहाई: पाकिस्तान
इस्लामाबाद, एजेंसी
पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की रिहाई की खबरें
आने के कुछ घंटे बाद पाकिस्तानी सरकार ने मंगलवार रात को स्पष्ट किया कि एक
अन्य भारतीय कैदी सुरजीत सिंह को रिहा किया जाएगा, न कि सरबजीत को। सुरजीत
तीन दशक से पाकिस्तान की जेल में कैद हैं। जियो न्यूज के मुताबिक राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर ने
कहा कि मुझे लगता है कि इस सम्बंध में कुछ भ्रम है। सबसे पहले तो यह कि यह
क्षमादान का मामला नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सरबजीत नहीं
है।
यह सुचा सिंह का बेटा सुरजीत सिंह है। वर्ष 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री
बेनजीर भुट्टो की सलाह पर राष्ट्रपति गुलाम इश्क खान ने उनकी मौत की सजा
कम कर उम्रकैद कर दी थी।
बाबर ने बताया कि कानून मंत्री फारुक नेक ने मंगलवार को गृह मंत्री को
बताया कि सुरजीत ने अपनी उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है और उसे रिहा कर भारत
भेज दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सजा पूरी होने के बाद सुरजीत को जेल में रखा जाना
गैरकानूनी होगा। वर्तमान में सुरजीत लाहौर की कोट लाखवत जेल में बंद हैं।
वह बीते 30 सालों से पाकिस्तान की कैद में हैं। उन्हें जिया-उल-हक के सैन्य
शासन काल के दौरान जासूसी के आरोप में भारतीय सीमा के नजदीक से पकड़ा गया
था।
इससे पहले मंगलवार दोपहर मीडिया में खबरें थीं कि राष्ट्रपति आसिफ अली
जरदारी ने सरबजीत की मौत की सजा कम करके उम्रकैद कर दी है और उन्होंने आदेश
दिया है कि यदि उसकी सजा पूरी हो गई हो तो उसे रिहा कर दिया जाए।
वहीं सरबजीत के परिवार का कहना है कि सरबजीत अगस्त 1990 में गलती से
पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे और उन्हें वहां गिरफ्तार कर लिया
गया।
दूसरी ओर पाकिस्तानी पुलिस का कहना है कि सरबजीत आतंकवादी घटनाओं में लिप्त
था। सरबजीत को पाकिस्तान में मंजीत सिंह नाम से जानते हैं।
सरबजीत को 1990 में लाहौर व मुल्तान में हुए चार बम विस्फोटों के मामले में
दोषी बताया गया है। इन विस्फोटों में कम से कम 14 लोग मारे गए थे।
कोन है सुरजीत सिंह ?
सरबजीत सिंह की जगह भारत आ रहे हैं सुरजीत सिंह.
हालांकि पहले खबर आई थी सरबजीत सिंह की रिहाई की. लेकिन पाक सरकार ने बाद
में सुरजीत की रिहाई का एलान किया. सुरजीत सिंह भी भारत के वो सपुत हैं
जिन्हें पाक जेल में वर्षों यातना सहनी पड़ी.
पाक जेल में बंद एक और भारतीय सुरजीत सिंह की पत्नी हैं हरबंस कौर.
पंजाब के फिरोजपुर के एक गांव में सुरजीत के घरवाले तीस साल से टकटकी लगाए
बैठे हैं. पत्नी हरवंस कौर की आंखें तो इंतजार में मानो पथरा गईं.
हरबंस कौर का वर्षों का इंतजार अब खत्म ही होने वाला है. क्योंकि अब सरबजीत सिंह नहीं सुरजीत सिंह की रिहाई का पाक सरकार ने एलान किया है.
सरबजीत पर पाकिस्तान के यू टर्न के बाद यही सवाल उठ रहे हैं. पाक राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने साफ कहा है कि लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत सिंह की न तो रिहाई होनी है और न ही उनकी सजा कम की गई है. जिस शख्स की रिहाई होनी है, उनका नाम सुरजीत सिंह है.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने साफ किया कि सुरजीत सिंह ने उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है और उन्हें रिहा किया जाएगा.
सुरजीत सिंह को 1982 में भारत पाकिस्तान सीमा के करीब जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त पाकिस्तान की सत्ता पर जनरल जिया उल हक काबिज थे. सुरजीत पर मुकदमा चला और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई.
1989 में सुरजीत सिंह को उस वक्त की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सलाह पर राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने माफी दी थी. सितंबर 2004 में जेल में 25 साल बिता लेने के बाद भी सुरजीत सिंह को रिहा नहीं किया गया था.
मुकद्दर का खेल देखिए सुरजीत सिंह भी लाहौर के उसी कोट लखपत जेल में बंद था जहां बेकसूर सरबजीत सिंह बम धमाके के आरोप में फांसी की सजा पाने के बाद बंद है और दोनों ही पंजाब के बाशिंदे हैं.
सरबजीत की तरह सुरजीत ने भी बड़ी कुर्बानी दी है. अपनी जिंदगी के कीमती 30 साल पाक जेल में यातनाओं के बीच बिताया है. लिहाजा सुरजीत की रिहाई की अहमियत भी कम नहीं.
साभार -आज तक
हरबंस कौर का वर्षों का इंतजार अब खत्म ही होने वाला है. क्योंकि अब सरबजीत सिंह नहीं सुरजीत सिंह की रिहाई का पाक सरकार ने एलान किया है.
सरबजीत पर पाकिस्तान के यू टर्न के बाद यही सवाल उठ रहे हैं. पाक राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर ने साफ कहा है कि लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद सरबजीत सिंह की न तो रिहाई होनी है और न ही उनकी सजा कम की गई है. जिस शख्स की रिहाई होनी है, उनका नाम सुरजीत सिंह है.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने साफ किया कि सुरजीत सिंह ने उम्रकैद की सजा पूरी कर ली है और उन्हें रिहा किया जाएगा.
सुरजीत सिंह को 1982 में भारत पाकिस्तान सीमा के करीब जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त पाकिस्तान की सत्ता पर जनरल जिया उल हक काबिज थे. सुरजीत पर मुकदमा चला और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई.
1989 में सुरजीत सिंह को उस वक्त की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सलाह पर राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने माफी दी थी. सितंबर 2004 में जेल में 25 साल बिता लेने के बाद भी सुरजीत सिंह को रिहा नहीं किया गया था.
मुकद्दर का खेल देखिए सुरजीत सिंह भी लाहौर के उसी कोट लखपत जेल में बंद था जहां बेकसूर सरबजीत सिंह बम धमाके के आरोप में फांसी की सजा पाने के बाद बंद है और दोनों ही पंजाब के बाशिंदे हैं.
सरबजीत की तरह सुरजीत ने भी बड़ी कुर्बानी दी है. अपनी जिंदगी के कीमती 30 साल पाक जेल में यातनाओं के बीच बिताया है. लिहाजा सुरजीत की रिहाई की अहमियत भी कम नहीं.
साभार -आज तक
Tuesday, June 26, 2012
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