उत्तराखंडः खराब मौसम के बाद फिर शुरू हुए बचाव कार्य
देहरादून, एजेंसी
बारिश से प्रभावित उत्तराखंड में रविवार को सुबह खराब मौसम के चलते राहत और बचाव अभियान कुछ समय तक स्थगित रहने के बाद फिर से युद्धस्तर स्तर पर शुरू हो गया है और ऊंचाइयों पर अभी भी फंसे 22 हजार तीर्थयात्रियों को निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।मौसम विभाग ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि कल से क्षेत्र में हल्की बारिश शुरू हो सकती है। बारिश से सर्वाधिक प्रभावित रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों से अब तक करीब 70 हजार तीर्थयात्रियों को निकाला जा चुका है जहां हिमालय क्षेत्र के पवित्र तीर्थस्थ्सल केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री स्थित हैं।
राहत कार्यों में 40 से ज्यादा हेलीकॉप्टर, सेना और अर्धसैनिक बलों के 10 हजार कर्मी जुटे हुए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देहरादून और जोशीमठ में हल्की बारिश की वजह से आज सुबह राहत कार्यों में विलम्ब हुआ, लेकिन करीब एक घंटे बाद जैसे ही मौसम खुला, राहत और बचावकर्मी फिर से अपने काम में जुट गए।
उन्होंने कहा कि हल्की से मध्यम बारिश होने के मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर राहत प्रयास तेज कर दिए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि कई टूटी सड़कों की मरम्मत कर दिए जाने से लोगों को निकालने की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। फंसे हुए बहुत से लोगों को अब सड़क मार्गों के जरिए भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के उप महानिरीक्षक अमित प्रसाद ने बताया कि फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए बद्रीनाथ के नजदीक करीब 50 किलोमीटर के क्षेत्र में पगडंडी बनाई जा रही है।
प्रसाद ने कहा कि यह मौसम पर निर्भरता कम करने के लिए है, जो हवाई राहत अभियान को प्रभावित कर सकता है। ये सड़कें तीर्थस्थल के नजदीक माना क्षेत्र में बनाई जा रही हैं। आईटीबीपी के लगभग 200 जवान इस काम में लगे हैं। उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग के जंगलचट्टी इलाके में करीब 500 तीर्थयात्री फंसे हो सकते हैं और उन्हें वहां से जल्द से जल्द निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
केदारनाथ के नजदीक गौरी गांव और रामबड़ा में दो हेलीपैड बनाए गए हैं। आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने यहां कहा कि केदारनाथ घाटी से सभी फंसे हुए तीर्थयात्रियों को निकाल दिया गया है, अब पूरा ध्यान बद्रीनाथ की तरफ केंद्रित हो गया है जहां करीब सात-आठ हजार तीर्थयात्री फंसे हैं। अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पर्याप्त खाद्य सामग्री और दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
इस अभूतपूर्व आपदा में मरने वालों की संख्या कल उस समय 673 हो गई, जब केदरानाथ क्षेत्र से 123 शव मिले। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का कहना है कि मरने वालों की संख्या एक हजार तक हो सकती है। बहुगुणा ने यह भी कहा कि केदारनाथ मंदिर को फिर से पहले जैसा स्वरूप देना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और यह काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के परामर्श से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों से मिले शवों का परंपरागत रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाएगा और मृतकों की आत्मा की शांति के लिए आपदा के 13वें दिन हरिद्वार में महायज्ञ किया जाएगा। यह सलाह संत समाज ने उस समय दी जब बहुगुणा और केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे कल हरिद्वार में उनसे मिले।
कल प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद बहुगुणा से मिले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कर इसे देश के अत्याधुनिक मंदिरों में से एक बनाने में राज्य सरकार को हरसंभव मदद देने की पेशकश की।