आतंकवाद से लड़ाई चौथा विश्व युद्ध है: प्रणब
बुधवार, 25 जुलाई, 2012
मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाडिया प्रणब मुखस्जी को शपथ दिलाते हुए.भारत के नए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि ग़रीबी को दूर करना देश की सबसे बड़ी ज़रूरत है.राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले भाषण
में उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के शब्दकोश में ग़रीबी जैसे शब्द की कोई
जगह नहीं होनी चाहिए.उन्होंने कहा कि ग़रीबी के अभिशाप को ख़त्म करना भारत का राष्ट्रीय मिशन होना चाहिए क्योंकि भूख से बड़ा कोई अपमान नहीं है.भारत के विकास में ग़रीबों की हिस्सेदारी की वकालत
करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा, ''हमें उनका उत्थान करना होगा जो सबसे
ग़रीब हैं जिससे आधुनिक भारत के शब्दकोश से ग़रीबी शब्द मिट जाए.''
"तीसरा विश्व युद्ध शीत युद्ध था. आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई चौथा विश्व युद्ध है. और यह विश्व युद्ध इसलिए है क्योंकि यह अपना शैतानी सिर दुनिया में कहीं भी उठा सकता है."
प्रणब मुखर्जी
उन्होंने कहा कि भारत का विकास वास्तविक लगे इसके लिए ज़रूरी है कि ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को यह महसूस हो कि वो उभरते भारत की कहानी का एक हिस्सा है.दुनिया भर में चरमपंथ के बढ़ते प्रभाव का ज़िक्र करते हुए प्रणब ने कहा कि अभी युद्ध का युग समाप्त नहीं हुआ है और चौथा युद्ध जारी है.उनका कहना था, ''तीसरा विश्व युद्ध शीत युद्ध था. आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई चौथा विश्व युद्ध है. और यह विश्व युद्ध इसलिए है क्योंकि यह अपना शैतानी सिर दुनिया में कहीं भी उठा सकता है.''उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से सीखना चाहिए लेकिन हमारा ध्यान भविष्य पर केंद्रित होना चाहिए.सर्व शिक्षा पर ज़ोर देते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि शिक्षा ही वो मंत्र है जिसके ज़रिए भारत में अगला स्वर्ण युग लाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि भारत का विकास वास्तविक लगे इसके लिए ज़रूरी है कि ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति को यह महसूस हो कि वो उभरते भारत की कहानी का एक हिस्सा है.दुनिया भर में चरमपंथ के बढ़ते प्रभाव का ज़िक्र करते हुए प्रणब ने कहा कि अभी युद्ध का युग समाप्त नहीं हुआ है और चौथा युद्ध जारी है.उनका कहना था, ''तीसरा विश्व युद्ध शीत युद्ध था. आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई चौथा विश्व युद्ध है. और यह विश्व युद्ध इसलिए है क्योंकि यह अपना शैतानी सिर दुनिया में कहीं भी उठा सकता है.''उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से सीखना चाहिए लेकिन हमारा ध्यान भविष्य पर केंद्रित होना चाहिए.सर्व शिक्षा पर ज़ोर देते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि शिक्षा ही वो मंत्र है जिसके ज़रिए भारत में अगला स्वर्ण युग लाया जा सकता है.
शपथ ग्रहण
इससे पहले बुधवार की सुबह लगभग 11:30 बजे भारत के मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाडिया ने संसद के सेंट्रल हॉल में प्रणब मुखर्जी को 13वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई.उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की प्रमुख सोनिया गाँधी के अलावा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल थीं.प्रणब मुखर्जी सुबह लगभग 10:45 बजे काली शेरवानी और उजला चुड़ीदार पजामा पहने हुए राष्ट्रपति भवन पहुंचे जहां मिलिट्री सचिव जनरल बख़्शी ने उनका स्वागत किया. वहां उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल से मुलाक़ात की."किसी भी जनसेवक के लिए गणतंत्र का प्रथम नागरिक चुने जाने से बड़ा कोई पुरस्कार नहीं हो सकता."
प्रणब मुखर्जी, नए राष्ट्रपति
साभार बी बी सी हिन्दी
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