मिर्चपुर प्रकरण
रोहिणी अदालत ने सुनाया फैसला
थाना प्रभारी सहित 82 बरी, 15 दोषी करार
नारनौंद/हिसार
बहुचर्चित मिर्चपुर कांड का फैसला रोहणी कोर्ट की अदालत ने आखिरकर सुना ही दिया। इस मामले में जेल में बंद 97 आरोपियों में से तत्कालीन थाना प्रभारी विनोद काजल सहित 82 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है जबकि 15 युवकों को दोषी करार दिया गया है। एक आरोपी जसबीर सिंह कोर्ट से पेशी के दौरान फरार हो गया था। उस पर फैसला सुरक्षित रखा गया है। फैसले से ग्रामीण खुश हैं और गांव में पूर्ण रूप से शांति का माहौल है। पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर रखी है। मिर्चपुर कांड का फैसला रोहणी कोर्ट की जज डॉ.कामनी लाऊ ने सुना दिया। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद 97 आरोपियों में से थाना प्रभारी विनोद काजल सहित 82 आरोपियों को बरी करार दिया गया है। 15 आरोपियों में राजबीर, प्रदीप, सुनील, राजपाल, रीषि, प्रदीप, मोनू, बलबीर, कर्मबीर, धर्मबीर, कर्मपाल, बोबल, कुलविन्द्र, रामफल और राजेन्द्र को मामले में दोषी बनाया गया है। इनमें से कुलविन्द्र, राजेन्द्र और रामपाल को मृतक ताराचंद के घर में आगजनी करने का आरोपी बनाया गया है। 6 युवकों को आगजनी करने और 6 युवकों को पत्थर बाजी करने का आरोपी बनाया गया है। एक अन्य आरोपी जसबीर सिंह रोहिणी की कोर्ट से सुनवाई के दौरान फरार हो गया था। वह अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसके खिलाफ अभी तक कोई आरोप तय नहीं किया और उसके मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है। फैसले को लेकर बारह खाप के प्रधान राजबीर ढ़ांडा ने कहा कि माननीय कोर्ट का फैसला सबको मंजूर है तथा गांव में पूर्ण रूप से शांति का माहौल है। वहीं गांव में बनाई गई शांति कमेटी के प्रधान मा.चन्द्रप्रकाश ढांडा ने भी फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सभी ग्रामीण कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।
ज्ञात रहे कि 21 अप्रैल 2010 को नारनौंद के गांव मिर्चपुर में दो समुदायों के बीच में चल रहे विवाद में एक समुदाय विशेष के लोगों ने दलित समुदाय के ताराचंद के घर आग लगा दी थी जिसमें स्वयं ताराचंद व उसकी अपाहिज बेटी सुमन जिंदा जल गए थे। इसके बाद समुदाय के लोगों ने गांव में भयावह स्थिति को देखते हुए गांव से पलायन कर लघु सचिवालय हिसार में डेरा लगा लिया था। वे यहां पर करीबन एक महीना रहे। इस दौरान घटना के करीब एक हफ्ते बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने भी औचक दौरा किया था। उसके बाद सरकार व प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए गांव में शांति कायम करने के लिए अनेक प्रयास किए। सरकार ने इस दौरान गांव से पलायन करने वाले परिवारों को गांव में ही बसाने के लिए मुफ्त मकान व घटना के दौरान हुए नुकसान की भरपाई भी की थी। उल्लेखनीय है कि घटना के काफी बीत जाने के बाद भी गिरफ्तारी ना होने के कारण सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला पुलिस ने 103 लोगों की गिरफ्तारी की थी। सरकार ने गांव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए समुदाय के लोगों की विभिन्न मांगों को पूरा किया जिनमें स्वर्गीय ताराचंद के तीनों बेटे अमर, प्रदीप और रवींद्र को नौकरी व सरकारी क्वार्टर अलॉट किए थे।
एतिहात के तौर पर पुलिस फोर्स बरवाला में तैनात
बरवाला (रोहित काठपाल)।
बहुचर्चित मिर्चपुर प्रकारण के फैसले को लेकर एतिहात के तौर पर बरवाला में भी प्रशासन अलर्ट रहा। फैसले को लेकर कोई अनहोनी घटित न हो जाए, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने बरवाला में दो टुकडिय़ा जवानों की तथा एक टुकड़ी महिला पुलिस की भी तैनात कर रखी थी। इसके अलावा बरवाला थाने के नजदीक प्रशासन ने पानी की बौछार करने वाली गाड़ी भी तैनात कर रखी थी। बता दें कि नारनौद क्षेत्र के गांव मिर्चपुर में दो समुदाय के बीच विवाद हुआ था। इसी विवाद के चलते गांव के एक समुदाय पर आरोप था कि एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के ताराचंद व उसकी पुत्री को जिंदा जला दिया। इस प्रकरण की सुनवाई रोहिणी की विशेष अदालत में चल रही थी जिसका फैसला शनिवार को घोषित हुआ है जिसमें से 97 आरोपियो में से 82 आरोपियों को बरी कर दिया गया। जबकि 15 आरोपियों को दोषी पाया गया है। अब शुक्रवार को इस मामले में दोषी आरोपियों पर सजा के मुकद्में की बहस होगी। प्रशासन ने एतिहात के तौर पर पुलिस कर्मचारियो को बरवाला में तैनात किया था कि कहीं फैसला घोषित होने के बाद कोई अनहोनी न हो जाए।
फोटो कैप्शन 24 हिसार 7 - बरवाला में तैनात की गई पानी की बौछार करने वाली गाड़ी।
सिलेंडर में लगी आग, हादसा टला
हिसार।
इंदिरा कॉलानी की गली नंबर एक में बीती रात एक घर के सिलेंडर में आग लग गई। समय रहते आग पर काबू पाने के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। गली नंबर एक में रहने वाले संदीप ने बताया कि रात करीब दस बजे वह घर में बाहर अपने परिवार के साथ बैठे थे। तभी रसोई में से धुंआ निकलता दिखा। अंदर जाकर देखा तो सिलेंडर में आग लगी थी। तुरंत परिवार वालों को बताया और सभी घर से बाहर हो गए। घटना की जानकारी जैसे ही पड़ोसियों को मिली तो पड़ोसियों के प्रयासों से थोड़ा बहुत सामान बाहर निकाला गया और तुरंत फ ायर ब्रिगेड कार्यालय में बताया गया। करीब बीस मिनट में फायर ब्रिगेड कर्मी वाहन के साथ मौके पर पहुंच गए। तब तक लोगों ने आग पर लगभग काबू कर लिया था।
जूते चुराने वाले युवक को पीटा
हिसार।
पटेल नगर मार्केट के दुकानदारों ने शनिवार सुबह एक युवक को जूतों की दुकान से जूता चुराकर ले जाते हुए पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया, जहां से पुलिस उसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल ले गई। मगर पुलिस उससे उसका नाम व पता भी नहीं उगलवा पाई है। चिकित्सक आरोपी युवक को मानसिक रोगी बता रहे हैं और उसे उपचार में प्रयोग होने वाली पट्टियों से बांधा गया है। उसके दाहिने हाथ पर टीएस रावत और बाहिने हाथ में मनकों से ठाकुर सिंह नाम का बैंड बांधा हुआ है। दुकानदार कृष्ण ने बताया कि उनकी मार्केट में धीरज बूट हाऊस की दुकान है। सुबह करीब नौ बजे जब वे दुकान के बाहर सफाई कर रहे थे तो एक युवक उनके पास आया और नौ नंबर का जूता मांगा। उसे करीब पंद्रह जोड़ी दिखाई, वह आना-कानी करता रहा। जब उसे जूते की एक नई जोड़ी दिखाने के लिए पीछे मुड़ा तो मौके का फायदा उठाते हुए युवक जूते की एक जोड़ी उठाकर भागने लगा। यह देखते ही उन्होंने तुरंत शोर मचा लिया और आसपास के दुकानदार उसे पकडऩे के लिए भाग लिए। पकडऩे पर पुलिस को बुलाया। इस बीच युवक लोगों के काबू में भी नहीं आया तो कुछ युवकों ने उसकी पिटाई की और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस को उसके पास से दो हजार रुपए बरामद हुए हैं। पुलिस युवक को चौकी में भी ले गई, मगर आरोपी ने अभी तक अपना नाम व पता नहीं बताया है। फिलहाल उसे प्राथमिक उपचार के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया है। चिकित्सकों को संभावना है कि युवक ने किसी प्रकार का नशा लिया हुआ है या फि र वह मनोरोगी है।
Saturday, September 24, 2011
Tuesday, September 6, 2011
फुर्रस्त के लम्हें
रेवाड़ी में कुछ दिन पहले
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